आज फिर
दर्द हल्का है
साँसें भारी हैं
दिल अजीब सी कशमकश में है
कोई गाड़ी छूट रही हो जैसे...
आज फिर
दूर जा रहा है
कोई अपना
मुझसे रूठकर
मुझे बेजान करके....
आज फिर
टूट गई हूँ मैं
कच्चे झोंपड़े सी
यादों की बारिश से...
आज फिर
उदास है मन
भीगी हैं पलकें
खोकर सुकून अपनेपन का ...
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बस जिए जाने की रस्म जारी है ...