हमराही

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Saturday, August 6, 2016

अच्छा लगता है [ गजल ]

1222         1222    1222
यूँ तेरा मुस्कुराना अच्छा लगता है 
झुकी नजरें चुराना अच्छा लगता है

दिलों को जीतना फितरत सही मेरी  

क्यों तुमसे हार जाना अच्छा लगता है

भरा दामन है मेरा काँटों से लेकिन 

सुमन सा मुस्कराना अच्छा लगता है 

तू वादे तोड़ दे यह तेरी है मर्जी

मुझे वादे निभाना अच्छा लगता है

न भाये छाँव भी महलों की तेरे बिन 

मुझे दिल आशियाना अच्छा लगता है 



हो मेरी जान तुम रूठो नहीं जानम 

न तुम बिन यह ज़माना अच्छा लगता है 
6 अगस्त, 2016.
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