कहें स्कन्दमाता जिसे,पंचम रूप/दिवस अनूप
कर लो इसकी अर्चना, दिव्य अलौकिक रूप
दिव्य अलौकिक रूप, सदा माँ है सुखदायी
गोद लिए माँ स्कन्द ,चतुर्भुज वह फलदायी
मिले मोक्ष का द्वार ,मनुज मनवांछित पाता
सरिता गौरी रूप,भक्त कहें स्कन्दमाता।।
कर लो इसकी अर्चना, दिव्य अलौकिक रूप
दिव्य अलौकिक रूप, सदा माँ है सुखदायी
गोद लिए माँ स्कन्द ,चतुर्भुज वह फलदायी
मिले मोक्ष का द्वार ,मनुज मनवांछित पाता
सरिता गौरी रूप,भक्त कहें स्कन्दमाता।।