ध्याते षष्ठम रूप को ,देती है माँ शक्ति।
कल्याणी कात्यायनी,कर लो माँ की भक्ति।।
कर लो माँ की भक्ति,मनोवांछित है मिलता
एक हाथ तलवार,कमल दूजे में खिलता
मिट जाते संताप ,शरण माँ की जो आते
माँ का स्वर्ण समान, रूप जो सरिता ध्याते।।
कल्याणी कात्यायनी,कर लो माँ की भक्ति।।
कर लो माँ की भक्ति,मनोवांछित है मिलता
एक हाथ तलवार,कमल दूजे में खिलता
मिट जाते संताप ,शरण माँ की जो आते
माँ का स्वर्ण समान, रूप जो सरिता ध्याते।।