हमराही

सुस्वागतम ! अपना बहुमूल्य समय निकाल कर अपनी राय अवश्य रखें पक्ष में या विपक्ष में ,धन्यवाद !!!!

Wednesday, April 15, 2020

लॉकडाउन

स्वच्छ हवा ने डाला डेरा
ट्रैफिक का तोड़ा है घेरा

योग करो और रहो निरोग
प्राणायाम से भागें रोग

लॉक डाउन का समय है आया
नीला अम्बर वापस लाया

चहकें पक्षी ,सुनो आवाज
सतयुग का फिर हुआ आगाज

कुदरत के है अद्भुत रंग
बैठे हैं घर सबके संग

मन करता है यहीं बस जाएं
लॉक डाउन का समय बढ़ाएं

Tuesday, April 14, 2020

चौपाई कारोना

चौपाई

किया करोना ने जग सूना
नाक, नयन ,मुख को मत छूना

खांसी छींक अगर जो आयी।
मुख ढकना है सरल उपायी

बार बार सब कर तुम धोना
तब मानस क्या करे करोना

नहीं हाथ प्रिय अभी मिलाना
अगर करोना  दूर भगाना

गले लगाओ हुआ पुराना
अभिवादन का नया जमाना

हाथ किसी से नहीं मिलाओ
सिर्फ नमस्ते करते जाओ

मेड इन चाइना तभी हराओ
सभी नमस्ते जब अपनाओ
#कोरोना #चौपाई 

को रो ना सुझाव दोहे


मत छुओ मुख ,नाक, नयन, बार बार धो हाथ।
अभिवादन कर दूर से, हाथ जोड़कर साथ।।

मुख ढक खांसो, छींक लो, करो मनुज उपचार।
डॉक्टर को जाकर मिलो ,चढ़ता अगर बुखार।।

अब तुम मत लगना गले, नहीं मिलाना हाथ।
करो नमस्ते प्यार से, सब जन देकर साथ।।

बुरा ना मानो ,करोना है





Sunday, May 12, 2019

माँ


माएँ हमेशा अपनी मर्जी चलाती हैं
अपने बच्चों को दुखों से बचाती हैं
रातों रात जागती हैं ..
पानी कहीं चला नही जाये
सोचते सोचते जल्दी उठ जाती हैं
दुर्गा जैसे अष्ट भुजाओं से काम निपटाती हैं
एक हाथ से पानी भरती है ,
सब्जी बनाती हैं
आटा गूँथती हैं
बच्चों को जगाती हैं
तभी तो माँ ... माँ कहलाती है
कहीं कूलर का पानी गिर नहीं जाए
कहीं सब्जी जल नही जाये
कभी सब्जी को देखने भागती हैं
कभी पानी ,कभी कपडे धोने की चिंता
मन में बुदबुदाती हुई भागती रहती हैं
बहुत मुश्किल से थोड़ा अलसाती हैं
तभी तो ... माँ कहलाती हैं 
माँ ...
जरा उठकर नाश्ता बना दो
माँ .. सुनते ही चौकन्न हो जाती हैं
बेटा भूखा न चला जाये
अपना दर्द भूलकर झट से उठ जाती हैं
कभी मुश्किल आ जाये जो
बच्चों से छुप छुप रोती हैं ...
फिर भी सदा मुस्कुराती हैं
तभी तो माँ .. माँ कहलाती हैं 
बेटी घर आई है ..
उसकी चिंता में बुदबुदाती है
ससुराल में काम करती आई है
उसको खुद खाना बना बना खिलाती है
उसको सब लाड लडाती हैं
नाती पोतों पर वारी जाती हैं
तभी तो .
माँ .. माँ कहलाती है

Friday, October 19, 2018

विजयादशमी मुक्तक

मुक्तक 
रावण पुतले गली गली में ,कब तक यूंही लगाओगे
हर काम ,काज ,व्यवहार में रावण कैसे इन्हें मिटाओगे
भस्म करो अंतस का रावण , विजयादशमी होगी तब
द्वेष,बुराई ,दंभ का रावण जब तुम रोज जलाओगे।।
19 अक्टूबर, 2018 

Tuesday, July 10, 2018

स्वच्छता गीत

सबसे सुंदर देश हमारा,विश्व को यह बतलाना है।
हाथ मिलाकर बढ़ो साथियों,भारत स्वच्छ बनाना है।

सोच बदलने देश बदलने एक मसीहा आया है
छोड़ गंदगी शुचिता धारो,यह हमको समझाया है
मातृभूमि को जन्नत करने,यह अभियान चलाना है
हाथ मिलाकर ...

खुद समझो सबको समझाओ महत्ता कूड़ा दान की
प्रबंधन से खाद बनाकर ,मदद करो किसान की
अपनी धरती सोना उगले,यह हमको बतलाना है
हाथ मिलाकर ...

पॉलीथिन का दामन छोड़ो,कपड़ा ,कागज अपनाओ।
गली गली हर शहर गाँव में शौचालय अब बनवाओ
वैभव शुचिता से आता है जन जन को समझाना है
हाथ मिलाकर ...

लहर चलेगी गली गली तब स्वच्छ भारत अभियान की
घर घर में जब चर्चा होगी कचरा,कूड़ा दान की
वातावरण को शुध्द बनाओ यह संदेश पहुँचाना है
हाथ मिलाकर ...

Thursday, October 5, 2017

शरद पूर्णिमा ( कुंडलिया )

झरती किरणों से सुधा, शरद पूर्णिमा रात।
शरदोत्सव ले आ गया,ऊर्जा की सौगात।।
ऊर्जा की सौगात, शरद चाँद स्वच्छ लाये
रखो रात में खीर , दिव्य औषध बन जाये
सरिता मिटते रोग,शक्ति ,धन, सेहत मिलती।
धवल चाँद,आकाश,सुधा किरणों से झरती ।।