गूँजेगी किलकारियाँ, सुबह शाम दिन रात
मात मनीषा बन गई, अरुण बना है तात
घर गूँजें किलकारियाँ , सो ना पाएं आप
पता चले बाबू तभी , आप बन गए बाप
गेह ले आई लक्ष्मी , खुशियाँ कई हजार
स्वस्थ रहे खुशहाल हो, पाए स्नेह दुलार
अरुण मनीषा आपको , बधाई बेशुमार
मस्त रहो फूलो फलो ,पार्टी दे दो यार
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