सृष्टि का निर्माण किया रचकर यह संसार
ब्रह्मा को करते नमन ,पहले रचनाकार //
मात पिता को है नमन, दूजे रचनाकार
आदर औ' सम्मान से, देना उनको प्यार //
आदर औ' सम्मान से, देना उनको प्यार //
गुरु निर्माता एक है, देता सच्चा ज्ञान
जीवन उससे है बना, उससे से है पहचान //
जीवन 'गर संवारना,सच्चा गुरु लो खोज
माली बन जो शिष्य का ,उसे सींचता रोज //
रंग बिरंगे फूल हैं ,बगिया की पहचान
बनकर गुरु रक्षक मगर ,डाले इसमें जान //
सुधार दे कच्चा घड़ा , ठोक थपक कुम्हार
गुरु संवारे शिष्य को, दे डांट और प्यार //
करे देश निर्माण जो ,भविष्य सदा सुधार
गुरु सा निर्माता नहीं, करलो यह स्वीकार //
निर्माता तुम भी बनो, पेड़ लगाओ यार
धरती को संवार दो , इसका कर शृंगार //
युग निर्माता हैं सभी, धरती के वो लाल
आजादी सौगात दी , रखो इसे संभाल //
निर्माताओं को सभी ,करबद्ध है प्रणाम
जीवन तुम संवार लो ,करके अच्छे काम //
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