चित्र से काव्य तक छंदोत्सव
प्रहरी सीमा के बनो ,चल दो सीना तान
प्रहरी सीमा के बनो ,चल दो सीना तान
पगड़ी तेरी लाल है खाकी है पहचान
खाकी है पहचान,धर्म है तेरा खाकी
खाकी तेरी शान,कर्म है तेरा खाकी
मत करना विश्वास,पाक की चालें गहरी
जान देश पे वार बनो सीमा के प्रहरी
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