छठ श्रद्धा और भक्ति का, अद्भुत है त्यौहार
करके सूर्योपासना व्रत रखो संग प्यार /
चार दिनों का पर्व है ,छठ पूजा का पर्व
अर्घ्य दें सुबह शाम हैं, करते इस पर गर्व /
ले नहाय 'खरना' 'टिकरी' ,का मिल खाय प्रसाद,
छठव्रती सभी इक जगह, अर्घ्य देय के बाद /
'नहाय खाय' प्रथम दिवस,खरना है दिन दूज
टिकरी रूप प्रसाद का ,खाय सूर्य को पूज /
शुक्ल पक्ष की हो छटी, लेकर सब सामान
जब दिखती पहली किरण, व्रत का करें विधान /
महापर्व पर छठ के , दोहराय इतिहास
सूर्य देव को अर्घ्य दें, पूर्ण करें उपवास /
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