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प्यार में हमने तो यूँ दर्द सहा है
प्यार के नाम से मन डरने लगा है /
मौत को देखा है कुछ पास से इतना
जिन्दगी पर से भरोसा ही उठा है /
लम्हा हर एक जिओ आखिरी ज्यों हो
मौत पर अपना कहाँ बस भी चला है /
है जमाने का ये दस्तूर अनोखा
अपनों ने आग हवाले यूँ किया है /
बाँट सरिता जो सको प्यार को बांटो
नफरतों से तो सदा घर ही जला है /
......सरिता भाटिया