हमराही

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Sunday, January 5, 2014

कभी जीवन में अपने कुछ दुखद से पल भी आते हैं

1 2 2 2   1 2 2 2   1 2 2 2   1 2 2 2 

कभी जीवन में अपने कुछ दुखद से पल भी आते हैं
सभी अपने हमेशा के लिए तब छोड़ जाते हैं /

समय अपना बुरा आया,तमस भी साथ ले आया 
करीबी जो रहे अपने वही नजरें चुराते हैं /

किसे फुर्सत हमें देखे हमारा हाल अब जाने  
हमें रुसवाइओं में तन्हा अक्सर छोड़ जाते हैं /
   
मिले ढूंढे नहीं कोई सहारा बन सके जो तब   
मुसीबत में कहाँ अब लोग यूँ रिश्ते निभाते हैं /

भला कर तू भला होगा बुरा मत सोचना मन में
रवायत यह है दुनिया की करम ही साथ जाते हैं /
  
कहाँ वश मौत पे अपना नहीं जीवन पे वश अपना  
ये खेला मौत जीवन का तो भगवन ही रचाते हैं/ 
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