द्वेष,बुराई,दुष्टता ,न ही हो अनाचार
भेदभाव नफरत मिटे ,करो सभी से प्यार ||
आजादी के बाद भी, ख़त्म हुई ना जंग
गुंडागर्दी है बढ़ी ,दानव फिरें दबंग ||
काम,मोह,मद,लालसा,फैला भ्रष्टाचार
मानव दानव है बना ,करता अत्याचार ||
देश प्रेम की भावना, होगी तब साकार
दूर हटे जब दीनता ,सपने लें आकार ||
बिजली पानी झोंपड़ी ,इसकी है दरकार
पेट भरे हर एक का, तभी सफल सरकार ||
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