उत्सव लाये हैं ख़ुशी,खूब सजे बाजार
साथ मिठाई के सजे,भिन्न भिन्न उपहार |
रंग रूप लेकर नए ,चमक उठे सब गेह
उत्सव हैं सब गर्व के ,बाँटे खुशियाँ नेह |
उत्सव धनतेरस हुआ,त्रयोदशी के वार
नूतन बर्तन हैं सजे ,और स्वर्ण बाजार |
छोटी दीवाली जले,यम दीपक हर द्वार
मुक्त हुईं कन्या सभी,नरकासुर को मार |
उत्सव दीपों का सभी,मना रहे दे प्यार
सबको बाँटे रोशनी ,दीवाली त्यौहार |
अन्नकूट उत्सव रचा, दीवाली पश्चात
भोग लगा खायें सभी ,संग कढ़ी के भात |
शुक्ल पक्ष की दूज है, बाँटे पावन प्यार
उत्सव भाईदूज का, बहना करे दुलार |
उत्सव भारत देश के, बाँटें केवल प्रीत
झूम झूम नाचो सभी,गाओ उत्सव गीत |
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