हमराही

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Wednesday, July 15, 2015

रिश्ते

रिश्ते खारे हो गए 
मिठास कहाँ से लाएं ?
कैसे कैसे जहर को 
अमृत हम बनायें ..
अपना कहते जो सभी 
झट से हुए पराये 
नए रिश्तों को कैसे समझें 
हमको कोई बताये ..
रिश्ते हैं अब 
थोड़े नमकीन 
थोड़े से हैं तीखे/फीके 
कैसे अपने बनें पराये 
इनसे आकर सीखें ..
इनके अपनेपन में 
अब न कोई दम है 
इसीलिए अब हर रिश्ते में 
चीनी थोड़ी कम है 
हाँ चीनी थोड़ी कम है ..
........................................................
रिश्ते कच्चे धागे हैं, इनको सुलझाने का 
हर संभव प्रयास जरूरी है ..

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