कहो मिसाइल मैन तुम ,चाहे कहो कलाम
सारी दुनिया कर रही ,उनको आज सलाम ||
सादा उनका वेश था, मुखड़े पे मुस्कान
दुनिया झुकती है अगर ,कर्म बनें पहचान ||
जीवन में करते चलो,अंतिम क्षण तक काम
जैसे वीर कलाम ने, किया न कभी विश्राम ||
जीवन था सादा सरल,मन में उच्च विचार
भेदभाव से दूर रह, पाया सबसे प्यार ||
सच्चा था इन्सान जो,कहते उसे कलाम
भारत माँ का है किया ,जग में ऊँचा नाम ||
कहें मिसाइल मैन को ,भारत रत्न कलाम
पाकर इस सम्मान को ,अमर किया खुद नाम ||
एक सलामी आखिरी, देने को बेताब
भारत माँ के पूत को, उमड़ा है सैलाब ||
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