हमराही

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Saturday, February 28, 2015

किताबे जिंदगी खोलूँ पलों में मुस्कराना तुम [गजल]

किताबे जिंदगी खोलूँ पलों में मुस्कराना तुम 
वो सूखे पुष्प सा बनकर सदा यादों में आना तुम |

तमस को जिंदगी से दूर कर के रोशनी बनना
सुबह की ओस बनकर अब सदा ही खिलखिलाना तुम |


जो जीना देर से सीखे, वो जीवन राग क्या जाने 
सभी लम्हे समेटे जिंदगी का राग गाना तुम |

कभी जो जीतना हो जीतना खुद को ही तुम लेकिन 
वफा के वास्ते फिर जीत सरिता हार जाना तुम |

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Wednesday, February 25, 2015

मेरा दिल


Thursday, February 19, 2015

मिट्टी के खिलौने


मन बच्चा है बहलाने को 
मिट्टी के खिलौने बनायें 
किसी के सिर पर रखकर चोटी 
किसी के माथे तिलक लगायें 
किसी के मुँह पर लगा के दाढ़ी
किसी को सुन्दर साड़ी पहनायें 
किसी के सिर पर रखकर टोपी 
किसी के सिर पगड़ी पहनायें 

काश मानव हो मिट्टी के खिलौने 

मौला, पंडित ,फादर ,भाई 
गूँथ इन्हें सबको मिलायें
मिली जुली इस मिट्टी से फिर
नए नए आकार बनायें 
दाढ़ी किसी की चोटी बन जाये 
चोटी में दाढ़ी छुपायें  
टोपी किसी की पगड़ी बन जाये 
पगड़ी में टोपी छुपायें 
किस्में कितना कौन छुपा है 
कौन बताये कौन बताये  
भेदभाव सारे मिट जायें 
आओ सच्चा मानव बनायें 
इंसानों में इंसानियत जगायें 
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Friday, February 6, 2015

जिंदगी है दोस्तों संभल के चला कीजिये

जिंदगी है दोस्तों संभल के चला कीजिये 
सफ़र है जिंदगी  
कई मोड़ होंगे 
हर मोड़ पर नया हादसा 
हादसों का सफ़र है 
या सफ़र में हादसे..
किसी ने अपने खोये
किसी ने अपनापन खोया 
किसी ने अपने को ही खो दिया 
जिंदगी है दोस्तों संभल के चला कीजिये 

मिलेंगे कई साथी साथ चलने को 
कोई एक मोड़ तक साथ देगा 
कोई एक शहर तक  
कोई हमसफ़र होगा सांसों के आने तक 
पर अंत तक साथ निभाएंगे तुम्हारे कर्म 
जिंदगी का सफ़र है संभल कर चला कीजिये 

वादा करेंगे बहुत साथ चलने का 
पर तोड़ेंगे वादे 
तुम्हे आजमायेंगे 
ठुकरायेंगे 
रुलायेंगे
अकेले ही अपना फैसला सुनायेंगे 
फिर आखिर तुम्हे छोड़ मँझदार में 
दूर भाग जायेंगे 
जिंदगी का सफ़र है संभल के चला कीजिये  
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जिंदगी है एक अनसुलझी पहेली 

Tuesday, February 3, 2015

ब्रेक अप पार्टी

युवाओं में ब्रेक अप पार्टी का चलन देख कुछ ख्यालों ने दिल पर दस्तक दी आपकी नजर करती हूँ ...

आओ मिलें ऐ दोस्त ,बिछुड़ जाने के लिए 
फिर से याद करें वो यादें ,भूल जाने के लिए 
आओ मिलें एक बार 
लेकर यादों का वो पिटारा 
इक मेरा तुम इक तेरा मैं 
वापिस करें.. 
वो अनमोल लम्हे 
जो जिए हमने संग संग 
वो दुःख दर्द जो बाँटें हमने संग संग 
वो आँसू जिनसे भिगोया तकिया 
एक दूसरे की याद में 
वापिस करें  ...
जो तुझमें हूँ मैं कुछ कुछ 
और
जो मुझमें हो तुम कुछ कुछ 
वापिस करें ...
वो चिंता  
वो हमदर्दी
जो हमने एक दूसरे के लिए की 
वापिस करें ..
वो सन्देश जो हमने भेजे 
प्यार के 
प्रेरणा के
दोस्ती के  
वापिस करें ..
वो पल पल की कसक 
जिसने दी हमारे दिल पर दस्तक  
वापिस करें ...
वो वादे 
वो कसमें 
जिन्हें निभाया हमने बड़ी शिद्दत से 
भूल जायें 
वो 'गुज़ारिश' रूठने मनाने की 
वो 'अलविदा' ना कहकर 'फिर मिलेंगे' कहना 
आओ मिलकर ...
एक वादा करें खुद से ..
दोबारा ना मिलने का ,
यादों से दूर चले जाने का ...
और शुरू करें फिर से ये जिंदगी उस मोड़ से  
यहाँ हम तुम थे अजनबी ....
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Monday, January 26, 2015

आओ फिर गणतंत्र मनायें

आओ फिर गणतंत्र मनायें 
आजादी की अल्ख जगायें 

सत्य अहिंसा का दे मंत्र 
हर्ष दे रहा है गणतंत्र 
फिर से प्रेम मशाल जगायें 
आओ फिर ...

तोपों की दे रहे सलामी 
दूर हुई थी आज गुलामी 
राष्ट्र ध्वज फिर से फहरायें 
आओ फिर ...

सजे ऊँट घोड़े और हाथी 
चलते ताल मिलाकर साथी 
झाँकियों में भारत दिखलायें  
आओ फिर ...

विजय चौक बना बहुरंगा 
ऊँचा उड़ता जाये तिरंगा 
अमर जोत पर शीश नवायें  
आओ फिर ...

अपने खून से खेली होली 
सीने पर खाई थी गोली  
हम भी अपना फर्ज निभायें 
आओ फिर...

आजाद हिन्द की फ़ौज बनाकर 
आजादी के नगमें गाकर  
अब तो सोया देश जगायें 
आओ फिर ...

सेवा त्याग ईमान यहाँ हो 
नारी का सम्मान वहाँ हो 
ऐसी इक पहचान बनायें 
आओ फिर ...

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई 
मिलजुल सारे भाई भाई 
इस मिटटी की शान बढायें
आओ फिर ...

असली आजादी हो तब
भ्रष्ट तंत्र ख़त्म हो जब  
भारत को सिरमौर बनायें 
आओ फिर ....
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Sunday, January 25, 2015

ऋतुराज [ कुण्डलिया ]

जाने वाला है शिशिर ,अब ऋतुराज तैयार  
धानी चुनरी ओढ़कर ,धरा किया श्रृंगार 
धरा किया श्रृंगार ,झूमती डाली डाली
प्रफुल्लित ह्रदय आज ,भरी है बगिया खाली
पुष्पों को अब चूम ,लगे हैं भँवरे गाने 
छाया नव उत्साह , शीत लगा अभी जाने |
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