बेटियाँ तो घर की खुशीयाँ होती है.. घर में संस्कार और मर्यादाओं का प्रतीक है, स्नेह का स्फूट है... और बेटियाँ परिवार के रिश्तों की दोर होती है, आँगन का फूल होती है, त्योहारों की खुशियाँ होती है, दुःख में ताकत होती है और ज़िंदगी खुशहाल करती है... जिस घर में बेटी न हो वो घर ही कैसा? बहुत सुंदर...
Beautiful writeup....well expressed about daughter emotions with beautiful wordings
बेटियाँ वरदान हैं जो ईश्वर से मिला है ... हम बार बार भूल जाते हैं इसे ... हम सब इसे याद दिलाते रहें एक दुसरे को ... आभार ...
Very good!