हमराही

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Thursday, November 29, 2012

''......जिंदगी के दो पहलू......''

1.
सुना है आज एक शेर मरा है
जिंदगी की जंग जीतकर
जन सैलाब उमड़ा
अश्रु सैलाब बहा
सबको अकेला छोड़
गया एक अनजान सफ़र पर..
लिए चंदन की खुश्बू,
फूलों का बिस्तर,
रंगीन चश्मा पहन,
जिसमें आगे का लक्ष्य
शायद सॉफ दिखाई दे
अपनी एक पहचान छोड़कर
एक मुकाम पर पहुँचकर
2.
एक मर गया बिन बुलावे के
सुनसान सड़क के
सुनसान किनारे पर
पत्थर तोड़ता वो शॅक्स
ना किसी ने देखा,
ना कोई रोया,
ना कोई आगे ना कोई पीछे
कौन देगा अग्नि पता नहीं
शव शैय्या तो बनी ही नही
सुना है वो जिंदगी की जंग
हार गया
कोई तेज चलता ट्रक उसको
ठोकर मार गया
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6 comments :

  1. kya baat hai kaha se mari.........

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  2. SHANKY arey apni wali road par dekha aur likh diya ,ab join site par bhi join ho jao koi email nahi aayega bina subscribe kiye tension mat lo

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  3. बाला साहिब ठाकरे जी को विनम्र श्रधांजलि, आपने ऐसे पहलुओं का एहसास कराया है पूर्णतया सत्य है, पढ़कर एक गाना याद आ गया, ये जीवन है इस जीवन का, यही है, यही है, यही है रंगरूप हार्दिक बधाई स्वीकारें"

    अरुन शर्मा
    www.arunsblog.in

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  4. वाह . बहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति .

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