हमराही

सुस्वागतम ! अपना बहुमूल्य समय निकाल कर अपनी राय अवश्य रखें पक्ष में या विपक्ष में ,धन्यवाद !!!!

Wednesday, August 27, 2014

धड़कन [कुण्डलिनी]

धड़कन से चालू हुआ ,धड़कन पर सब बंद 
मोल समय का जान लो ,यह इसकी पाबंद 
यह इसकी पाबंद ,आस जीवन की बनती
नैया लगती पार ,अगर है धड़कन चलती 
****
Post A Comment Using..

No comments :