हमराही

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Sunday, October 19, 2014

उत्सव[दोहावली]

उत्सव लाये हैं ख़ुशी,खूब सजे बाजार 
साथ मिठाई के सजे,भिन्न भिन्न उपहार  |

रंग रूप लेकर नए ,चमक उठे सब गेह  
उत्सव हैं सब गर्व के ,बाँटे खुशियाँ नेह |

उत्सव धनतेरस हुआ,त्रयोदशी के वार 
नूतन बर्तन हैं सजे ,और स्वर्ण बाजार |

छोटी दीवाली जले,यम दीपक हर द्वार 
मुक्त हुईं कन्या सभी,नरकासुर को मार |

उत्सव दीपों का सभी,मना रहे दे प्यार 
सबको बाँटे रोशनी ,दीवाली त्यौहार |

अन्नकूट उत्सव रचा, दीवाली पश्चात 
भोग लगा खायें सभी ,संग कढ़ी के भात  |

शुक्ल पक्ष की दूज है, बाँटे पावन प्यार 
उत्सव भाईदूज का, बहना करे दुलार  |

उत्सव भारत देश के, बाँटें केवल प्रीत 
झूम झूम नाचो सभी,गाओ उत्सव गीत |


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