हमराही

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Wednesday, September 16, 2015

पल पल हर पल

तुम पूछते थे हर पल,
बताते थे हर पल 
उस पल में खुश थी 
पूछते नहीं तुम अब ,
बताते नहीं तुम अब 
इस पल में भी खुश हूँ |

सिलसिले थे बातों के 
प्यार के जज्बातों के 
उस पल में खुश थी 
ख़त्म हुए सिलसिले 
आ गये शिकवे गिले 
इस पल में भी खुश हूँ |

मीठी यादों के वो पल 
थी खुशियो की हल चल 
उस पल में खुश थी
बीता है अब कल  
इंतजार के ये पल 
इस पल में खुश हूँ |

सब साँसों का खेला है 
ख़त्म फिर झमेला है
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