हमराही

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Thursday, October 8, 2015

समय [दोहावली]

सुख में देते साथ सब ,दुख में तोड़ें प्रीत |
दुख में देते साथ जो ,वो ही सच्चे मीत ||

जीवन में रहता नहीं ,समय सदा अनुकूल |
धीरज धरना तुम अगर, समय मिले प्रतिकूल ||

समय फिसलती रेत है, मुट्ठी चाहे बंद 
हाथ धरे बैठा रहा, किन्तु समय पाबंद ||

दिन बदले है समय से ,रात समय अनुसार 
नफरत बाँटे यह कभी, कभी बाँटता प्यार ||
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