''मैं हूँ सरिता''............
सरिता मेरा नाम है ,चलते रहना मेरा काम है!
रोके से ना रुक पाती,साथ बहा कर ले जाती!
मुझे राह बनानी आती है,मुश्किलें तो मेरी साथी हैं!
बादलों से पानी पाती हूँ,सागर में समा जाती हूँ
सागर में खो जाना भाता है,मुझे साथ निभाना आता है!
अगर कहीं रुक जायूँ मैं,फिर दामिनी बन जायूँ मैं!
भावों से ना खाली हूँ,असूरों के लिए काली हूँ!
जब दुश्मन सामने पाती हूँ,मैं दुर्गा बनकर आती हूँ!!
सरिता मेरा नाम है ,चलते रहना मेरा काम है!
रोके से ना रुक पाती,साथ बहा कर ले जाती!
मुझे राह बनानी आती है,मुश्किलें तो मेरी साथी हैं!
बादलों से पानी पाती हूँ,सागर में समा जाती हूँ
सागर में खो जाना भाता है,मुझे साथ निभाना आता है!
अगर कहीं रुक जायूँ मैं,फिर दामिनी बन जायूँ मैं!
भावों से ना खाली हूँ,असूरों के लिए काली हूँ!
जब दुश्मन सामने पाती हूँ,मैं दुर्गा बनकर आती हूँ!!