हमराही

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Sunday, March 11, 2012

''तेरी बिंदिया रे.......एक मधुर अहसास''

                   


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13 comments :

  1. Aaye Haye Teri Bindiya Rey.....

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    1. Oye ho eeee kya baat?swagat hai,khud hi rasta dikhaya khud hi bhul gaye

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  2. सरिता जी आपके सुन्दर व्यक्तित्व की परिलक्षित करती सारगर्भित रचना !!

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    1. शुक्रिया नीरज,आपके सुन्दर शब्द उर्जा का स्त्रोत हैं

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  3. सरिता जी.... बिंदिया के इन मधुर एहसासों का बहुत ही गहन चित्रण किया है आपने.... दिल में उतरने में पूरी तरह से सक्षम है ये..... बधाई हो आपको....

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    1. सुशील भाई,आपको भी हार्दिक बधाई,आपने अपना बहुमूल्य समय मेरे लिए निकाला|

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  4. sarita ji.... main koi shayar nahi hu isliye mere pass apne bhavo ko vyakt karne ke liye shabdo ki kami hai, lekin aapne jo bhi likha hai bus dil mein utar gaya,

    bahut-2 dhanyavaad

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    1. शुक्रिया सुशील जी,आप जो कहना चाहते हैं आप बहुत सुन्दर शब्दों में कह देते हैं उसके लिए शायरी की ज़रूरत नहीं

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  5. गंगा की गहराई, सामर्थ्य और सौम्यता समेटे हुए अद्भुत परिचय रचना.....

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  6. Sorry.... Saritaji.... above comment of mine was for ur introductory poem....."Main Hoon Sarita".... so plz just ignore it....

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  7. 'एक मधुर अहसास'..... वाकई बहुत ही मधुर......

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  8. bahut hee umda ..........aapki tarah khoobsurat...............

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  9. आपकी बहुमूल्य टिप्पीनियों से मेरा उत्साह बदता है,शुक्रिया!

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