माँ के आँचल की छाँव में सकूं मिलता है,
बगीचा मेरा इस अनमोल फूल से खिलता है!
ममता और प्यार का अहसास हो तुम,
टूटे हुए दिलों के लिए आस हो तुम!
मेरी पूजा अर्चना मेरा विश्वास हो तुम
शायद इसीलिए इतनी ख़ास हो तुम!
मेरे घर मंदिर की मूरत हो तुम
ईश्वर की छवि की सूरत हो तुम!
त्याग ममता अपनापन हैं जेवर तेरे,
गिन ना सकूँ इतने हैं बलिदान तेरे!
मेरी जान ,मेरी पहचान हो तुम,
भगवान का भेजा पैगाम हो तुम!