हमने कहा,चाँद कहो.........
उसने कहा,
चाँद में तो दाग है!
हमने कहा,राधा कहो..........
उसने कहा
उसकी प्रीत भी अधूरी रही!
हमने कहा,सपना कहो.........
उसने कहा,
सपने तो अक्सर टूट जाते हैं!
हमने कहा,सीता कहो.........
उसने कहा,
उसे भी राम से बिछूड़ना पड़ा!
हमने कहा,मीरा कहो..........
उसने कहा,
उस दीवानी को भटकना पड़ा!
हमने कहा,जिंदगी कहो.......
उसने कहा,
जिंदगी तो जां रहने तक साथ निभाती है
फिर मौत महबूबा बन साथ ले जाती है
हमने कहा,तो तुम नाम दो.......
उसने कहा,
तुम्हे तो 'आत्मा' बुलाना है
हर जन्म अपने साथ लेकर जो जाना है
ना जिंदगी,ना मौत से घबराना है
मीरा की दीवानगी,सीता का त्याग,
राधा की दोस्ती को हक़ीकत में पाना !!