परम्पराएँ न निभाओ यारो
अब रावण न जलाओ यारो
पर स्त्री पर नज़र जो डाली
उसको अच्छा सबक सिखाया
उसकी एक बुराई लेकर ,
अब तक उसको खूब जलाया
विद्द्वान पंडित की दुर्दशा कर,
बच्चों को न कुछ भी सिखाया
राम ने लक्ष्मण को भेजक़र
रावण से थी सीख दिलाई
ऐसे विद्वानों से सीख लो
बुराई का फल बुरा हुआ है
अपनेआप को जीत लो पहले
फिर किसी को हराओ यारो
परम्पराएँ न निभाओ यारो
अब रावण न जलाओ यारो
रावण जैसे मंहगाई बढ़ गई
भ्रष्टाचार,कालाबाज़ारी
और धोखाधड़ी आम हो गई
अंदर है जो कुंभकर्ण सोया
नींद से उसको जगाकर
अब तो सरकार हटाओ यारो
पहले जिसने पाप न किया हो
वोही पुतला जलाओ यारो
परम्पराएँ न निभाओ यारो
अब रावण न जलाओ यार
गली गली जो रावण बैठा
नेता रावण पंडित रावण
फिर कैसा रावण दहन ?
इनको अच्छा सबक सिखाकर
कानून की जो धज्जियाँ उड़ायें
उनको सही रास्ते लाकर
बलात्कार,भ्रूणहत्या के जहर से
माँओं बहनों को बचाकर
परिवार समाज बचाओ यारो
परम्पराएँ न निभाओ यारो
अब रावण न जलाओ यारो
पुरानी परम्पराएँ तोड़कर
नया सवेरा फिर से लाकर
स्नेह से परिवार को सींचों
अब न तुम रेखाएं खींचो
दूसरों पर आरोप से पहले
दस बुराइयाँ मार कर अपनी
दशावतार जगायो यारो
परम्पराएँ न निभाओ यारो
अब रावण न जलाओ यारो
.......................................