हमराही

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Saturday, October 26, 2013

अहोई व्रत [ दोहे ]

कृष्ण पक्ष की अष्टमी, अहोई व्रत रिवाज 
बच्चों की दीर्घायु की,करें कामना आज /

लोटा रख जल से भरा, कथा सुनें सब लोग 
होई माँ को पूजते ,दूध भात का भोग /

सांझ ढले तारा दिखे, अर्घ्य दे व्रत खोल 
माँ की ममता धन्य है,रहे सदा अनमोल /

करो मात को तुम नमन, ममता में बेजोड़
रक्षा का संतान की, वर मांगे कर जोड़ / 

करें परम्परा अपनी,अपने करो रिवाज  
करते मंगलकामना ,होई व्रत की आज /
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