कृष्ण पक्ष की अष्टमी, अहोई व्रत रिवाज
बच्चों की दीर्घायु की,करें कामना आज /
लोटा रख जल से भरा, कथा सुनें सब लोग
होई माँ को पूजते ,दूध भात का भोग /
सांझ ढले तारा दिखे, अर्घ्य दे व्रत खोल
माँ की ममता धन्य है,रहे सदा अनमोल /
करो मात को तुम नमन, ममता में बेजोड़
रक्षा का संतान की, वर मांगे कर जोड़ /
करें परम्परा अपनी,अपने करो रिवाज
करते मंगलकामना ,होई व्रत की आज /
.................