उजली उजली भोर से ,चित छाया उल्लास
वंदन करती मात मैं ,हृदय बनाओ वास //
सारा ही संसार है ,शरणागत हो जाय
नमन करूँ मैं मात को, खुशियाँ आँगन लाय//
हम हैं अम्बे मात के ,निज चरणों की धूल
आओ मिलकर मात को ,भेंट चढ़ाएं फूल//
मैया के नवरात्र में, सजे हुए दरबार
मैया के दरबार की, महिमा अपरमपार //
दर पर आकर मात मैं, तुझे सुनाऊँ टेर
शक्ति स्वरूपा कालिका,दे दर्शन चढ़ शेर //
दर पर तेरे हूँ खड़ी , नतमस्तक कर जोड़
सर पर रखना हाथ माँ , दुख जाएँ दर छोड़//
नवरात्रों में पूजना , दुर्गा के नौ रूप
अम्बे मैया दुख हरो,अब धर शक्ति स्वरूप //
रंग बिरंगी चुनरियाँ, सजा हुआ दरबार
हर्षित मन मेरा हुआ, पुलकित सब संसार //
मैया के दरबार से, होती शुभ शुरुआत
दर पर माथा टेक लो, दिन हो चाहे रात /
नमन करे हर रोज जो ,मैया लेती थाम
बन जाते हैं आपके, बिगड़े सारे काम /
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